क्या आप गाने सुनने और किसी से बात करने के लिए हेडफोन और इयरफोन ज्यादा इस्तेमाल करते है ? तो ये आदत आपकी कानो के लिए खतरा बन सकता है । इस पर WHO संगठन ने चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि आने वाले समय में 100 करोड़ से अधिक युवा सुनने की समस्याओं या बहरेपन से झूझ सकते हैं । पूरे भारत में खासकर मेट्रो शहरों में हेडफोंस या ईयरफोन्स का उपयोग तेजी से बढ़ है । मेट्रो ट्रेन , पार्क , बाइक पर लोग अक्सर अपने कानों में इयरफोंस लगाए रहते हैं और अपने आसपास की दुनिया से पूरी तरह से बेखबर होते हैं। ये आदत जो रोज अधिक समय तक हेडफोन उपयोग करने की है ये आपके लिए खतरनाक हो सकती है । WHO की मेक लिसनिंग सेफ गाइडलाइन के अनुसार लिसनिंग डिवाइस का अत्यधिक उपयोग सुनने की समस्याओं या बहरेपन का एक प्रमुख कारण बन सकता है ।
2050 तक 12 से 35 वर्ष की आयु के 100 करोड़ से अधिक युवा बहरेपन का शिकार हो सकते हैं । ये समस्या किसी और वजह से नही बल्कि हमारे स्वयं की आदतों के कारण उत्पन्न हो रही है। अधिक समय तक तेज आवाज में गाना सुनना ये कान के लिए सही नही है। फोन से तेज आवाज लंबे समय तक सुनना कानों की आंतरिक संरचना को नुकसान पहुंचाता है । इससे स्थाई सुनने की समस्या हो सकती है । अब हमे यह जानने की जरूरत है कि बचाव के लिए हम क्या कर सकते है । हेडफोन से सुनने वाली आवाज को नियंत्रित करें । आप अपने एयरफोन और हेडफोन की आवाज को 7% वॉल्यूम पर ही सुने । ब्रेक ले कर हेडफोन का उपयोग करे , लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से बचे । हर घंटे का उपयोग करने के बीच मे 10 से 15 मिनट का ब्रेक लिया करें । अपने कानों के नियमित जाँच कराये । इस रिपोर्ट की चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी आदतों में सुधार लाने का संकल्प करना चाहिए । कई संस्थाएं और संगठनों ने मेक लिसनिंग अभियान को समर्थन देना शुरू कर दिया है । सुनने की क्षमता को हमारे जीवन पर गहरा असर होता है हमें इसे बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए । हमे अपनी आदतों में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए। ये हम लोगो की सामाजिक जिम्मेदारी भी है , यदि हम आज ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय मे हमे दिक़्क़तों का सामना करना पड़ सकता है ।

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