श्रावण का मेला हरिहर मिलन का भव्य सार्वजनिक आयोजन दशहरा मैदान में आयोजित है आज द्वितीय दिवस में शिव महापुराण की कथा में कथा व्यास ने शिव महापुराण की महिमा बताते हुए पापी देवराज ब्राह्मण की कथा सुनाई ओर बताया किस प्रकार देवराज ने शोभवती स्त्री को गलत नजर से देखा और उस पर अशक्त हो गया और उसके पीछे अपने माता पिता और पत्नी तक को मार डाला और अंततः शारीरिक और आर्थिक वजह से शोभवती ने भी पापी देवराज का साथ छोड़ दिया । जब देवराज बृद्ध हुआ ज्वर हुआ तो उसकी देखभाल करने बाला कोई नही बचा जिससे एक बार वह शिव मंदिर में गया वँहा शिव जी की पावन कथा शिव महा पुराण चल रही थी जन्हा उसने तन्मयता से पूरे दिन शिव महापुराण की कथा सुनी अंततः जब उसकी मृत्यु हुई तो यमदूत उसे लेने आये पर उसी समय शिव जी के गणों ने बह्हा पहुचकर देवराज को शिव लोक लेकर आ गए।
केवल शिव महापुराण की कथा तन्मयता से कानो से सुनने से उसे शिव लोक की प्राप्ति हो गई।
आगे कथा प्रवक्ता पण्डित श्रवण शास्त्री ने बिन्दुग एवं चंचुला की कथा सुनाई।
ओर अपने कर्मो से पिशाच योनी में पड़े बिन्दुग को शिवमहापुराण सुनने से ओर चंचुला को भी शिवलोक की प्राप्ति हुई।
यह आयोजन दशहरा मैदान में 11 अगस्त से 17 अगस्त तक चलेगा जिसमे प्रातः पार्थिव शिवलिंगों का सामूहिक अभिषेक सुबह 9 बजे से भक्त जनो के द्वारा कराया जा रहा है ओर दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 तक शिव महापुराण की कथा का वाचन किया जा रहा है ।

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