रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में मनाया जाता है । यह त्योहार भाई और बहन के आपसी प्यार और स्नेह का प्रतीक है, जिसमें बहन अपने भी के माथे पर तिलक लगाकर कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी शुभ मुहूर्त में बांधना जरूरी होता है।
सावन माह के समापन के साथ ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। दूसरे शब्दों में , श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
मानते है कि भाई को राखी बांधने से पहले भगवान को राखी बांधनी चाहिए। इसके बाद बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं, आरती करती हैं और उन्हें राखी बांधती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं। साथ ही जीवन भर रक्षा करने का वचन देते हैं। हम आपको राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, तिथि और भद्राकाल के बारे में बताने जा रहे हैं।
राखी बाँधने का सही समय
इस बार सावन पूर्णिमा तिथि 18 अगस्त को सुबह 2.21 बजे से शुरू होकर, अगले पूरे दिन यानी 19 अगस्त तक रहेगी। ऐसे में रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, भद्रा 18 अगस्त की रात 2.21 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 19 अगस्त की दोपहर 1.24 बजे तक रहेगी। यह भद्रा पाताल लोक की रहेगी। भद्रा में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की संतान तथा शनि देव की बहन हैं । भद्रा स्वभाव से बहुत ही आक्रामक और हर समय उथल-पुथल करने वाली हैं।
भद्रा के कार्यों और स्वभाव के कारण उनके पिता सूर्य देव भी बहुत चिंतित थे। उन्होंने ब्रह्म देव से भद्रा के बारे में बात की।
ब्रह्म देव ने भद्रा को समझाया और कहा कि तुम्हारे लिए एक समय तय किया जाता है, उस समय में ही तुम्हारा वास होगा। तुम पाताल, स्वर्ग और पृथ्वी लोक पर वास करोगी । उस समय में जब कोई शुभ कार्य करेगा तो तुम उसमें विघ्न-बाधा डालना । भद्रा को अशुभ मुहूर्त मानने के कारण उस समय में राखी नहीं बांधी जाती है ।
लोक मान्यता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा में राखी बांधी थी तो उसका सब कुछ खत्म हो गया।
ऐसे में राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त को दोपहर 1.24 बजे के बाद है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1.24 बजे से शाम 6.25 बजे तक है। इसके अलावा राखी बांधने का शुभ समय प्रदोष काल में शाम 6.56 बजे से रात 9.08 बजे तक है। इस दौरान रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों को लंबी उम्र के साथ सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।
राखी पर शुभ संयोग
शास्त्र के अनुसार, रक्षाबंधन के इस दिन कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग और शोभन योग भी बन रहा है। इसके अलावा सावन महीने का आखिरी सोमवार भी इसी दिन पड़ रहा है। यह अद्भुत संयोग है।
रक्षाबंधन के दिन भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ माना जाता है। दाहिना हाथ या सीधा हाथ जीवन के कर्मों का हाथ कहा गया है और मनुष्य के दाहिने हिस्से में देवताओं का वास भी माना गया है।
कहा जाता है कि दाहिने हाथ से किए गए दान और धार्मिक कार्यों को भगवान जल्दी स्वीकार कर लेते हैं ।