NCERT की पर्यावरण पुस्तक पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए एक अभिभावक ने पुलिस में शिकायत दी थी। मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर का है।
छतरपुर के रहने वाले डॉक्टर राघव पाठक ने पुलिस में शिकायत दी कि NCERT की तीसरी क्लास में पर्यावरण विषय के 17 नंबर पेज से उन्हें आपत्ति है। दरअसल, इस पेज पर ‘चिट्ठी आई है’ नाम का एक टाइटल था, जिसमें रीमा नाम की लड़की अहमद को छुट्टियों में अगरतला आने का निमंत्रण देती है और अंत में लिखती है तुम्हारी रीना।
मध्यप्रदेश में NCERT की तीसरी क्लास की किताब के एक पाठ को लेकर विवाद खड़ा हो गया। छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया।
छात्रा के पिता डॉ. राघव पाठक ने पाठ के कंटेंट को लेकर शुक्रवार को NCERT के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है। उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।
खजुराहो निवासी डॉ. राघव का कहना है कि मुझे वहां के रिप्लाई का इंतजार है। जब तक जवाब नहीं आता, मैं लोगों को जागरूक करता रहूंगा। लोगों से कहूंगा कि वह भी विरोध करें। क्योंकि सिर्फ मेरी बच्ची ही कक्षा तीन में नहीं पढ़ रही हैं। मैं सिलेबस के अन्य कंटेंट को भी देखूंगा कि और कहां इस तरीके का षड्यंत्र किया जा रहा है।
पर्यावरण किताब में पाठ का शीर्षक है, ‘चिट्ठी आई है’ क्लास तीन की पर्यावरण विषय की किताब में जिस अध्याय 17 के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है। उसका शीर्षक है, ‘चिट्ठी आई है’। इसमें एक पोस्टकार्ड छपा है। उसमें लिखा है – ‘ अहमद तुम बताओ तुम कैसे हो? हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है। आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे। सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना।
शिकायतकर्ता बोले- ये लव जिहाद बढ़ाने की कोशिश शिकायतकर्ता डॉ. राघव पाठक एक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वे कहते हैं देश में फैलते साम्प्रदायिक तनाव और लव जिहाद के बढ़ते मामलों के कारण मेरी नजर मेरी 7 साल की बेटी के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस पर गई। जिसके अध्याय 17 (विषय-पर्यावरण) में रीना नाम की हिन्दू लड़‌की, अहमद नाम के मुस्लिम मित्र को चिट्ठी लिख रही है। जिसे देखकर मैं बेहद आश्चर्यचकित हुआ और सोचने पर विवश हुआ।
उन्होंने मेल में लिखा- इस कंटेंट के प्रति जिम्मेदारों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए मीडिया सहित अपने नजदीकी पुलिस विभाग में आवेदन देकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुका हूं। अगर आपकी भी पड़ताल में इस कंटेंट के पीछे कोई बेहद घिनौनी या ओछी मानसिकता के साथ किसी पूर्व पाठ्यक्रम निर्धारक की साजिश बुद्धि का प्रयोग समझ आता है, तो उसे चिन्हित कर समुचित दंड भी सुनिश्चित करें, ऐसा मेरा अनुरोध है।
दो दिन पहले एसडीओपी को दिया था शिकायती पत्र लेकिन
एसडीओपी बोले- ये राज्य सरकार का मामला नहीं है।

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