क्लास 9 से लेकर 12 क्लास के स्टूडेंट्स है तो आपके लिए बड़ी अपडेट है । अब सिर्फ नंबर और ग्रेड के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार नहीं किए जाएंगे|मार्क्स या ग्रेड्स पर फोकस करने वाले रिपोर्ट कार्ड की जगह पर नये पैर्टन वाले ” हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड ” को जारी किया जायेगा ।
चाहे वह कक्षा 9 हो या कक्षा 12, रिपोर्ट कार्ड अब नए पैटर्न से तैयार किया जाएंगे| NCERT की बॉडी परख के द्वारा नया हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए जारी किया गया है|
बदलाव के तहत, अब रिपोर्ट कार्ड में स्टूडेंट, टीचर्स, पेपेंरेट्स और साथ पढ़ाई करने वाले बच्चों के फीडबैक भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएंगे ।
हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का फोकस अब नंबरों वाले रिजल्ट से ज्यादा सीखने पर होगा| नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन की सलाह पर यह नए प्लास्टिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है| इस कॉन्सप्ट के तहत स्टूडेंट्स अब रिपोर्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा भी बन सकेंगे|
हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का फोकस इस बात पर रहेगा कि पूरे साल में बच्चों ने आखिर क्या और कितना सीखा| भारत सरकार द्वारा हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड एक ऐसा अप्रोच है, जिससे सिर्फ नंबरों के आधार पर ही नहीं बल्कि बच्चों की स्किल्स और क्षमता ही देखी जाएगी| सभी स्किल्स की जांच एक्टिविटी बेड टेस्ट के द्वारा की जाएगी| हर स्टूडेंट को एक्टिविटी के बाद मार्क्स दिए जाएंगे । हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड इस तरह से तैयार किया जाएगा, जिसमें बच्चे खुद को इवेलुएट कर सकें| टाइम मैनेजमेंट, प्लांस आफ्टर स्कूल जिसमें बच्चे यह बताएंगे कि स्कूल खत्म होने के बाद, वह अगला स्टेप क्या लेने वाले हैं जैसे पैरामीटर्स पर हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड तैयार किया जाएगा|
इसके साथ ही बच्चों को उनके पेरेंट्स, टीचर्स और साथ पढ़ने वाले बच्चों के साथ भी डिस्कशन करना होगा| साथ ही एक सेक्शन भी कंप्लीट करना होगा, जिसमें वह अपनी ताकत और एबिलिटी के बारे में भी बताएंगे, जो उन्हें पोस्ट स्कूल प्लांस में मदद करेगी| इसके साथ ही स्टूडेंट्स को चुनौतियों और सुधार पर भी गौर करना होगा|
इसके साथ ही ग्रुप प्रोजेक्ट कार्यों में टीचर एसेसमेंट, स्टूडेंट का खुद का फीडबैक और साथ पढ़ रहे बच्चों का फीडबैक भी दर्ज किया जाएगा| हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड का मेन फोकस रहेगा कि बच्चों को नॉलेज के साथ-साथ जरूरी स्किल्स भी सिखाई जाएं| यह सब प्रोजेक्स, खुद की रिसर्च और क्लास की इनोवेटिव एक्टिविटीज के द्वारा किया जा सकता है।

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