हिंदू पंचांग के अनुसार, 16 दिसम्बर अर्थात आज से खरमास प्रारंभ हो रहा है । साल में खरमास दो बार आते हैं। जब ग्रहों के राजा सूर्य देवताओं के गुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लग जाते हैं। इस दौरान वह अपने गुरु की सेवा में रहते हैं। ऐसे में सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है। साथ ही सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है। शुभ कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के लिए इन दोनों ग्रहों का मजबूत होना जरूरी है। यही वजह है कि इस दौराण मांगलिक कार्य फलित नहीं होते इसलिए इसे अशुभ मास माना गया है।
इसकी अवधि एक माह यानी करीब 30 दिन की होती है। दिसंबर माह में खरमास की बात करें, तो सूर्य 16 तारीख को धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में खरमास आज से आरंभ हो चुके हैं, जो नए साल 2024 की 15 जनवरी को समाप्त होंगे, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसे मकर संक्रांति कहा जाता है।
खरमास के दौरान मांगलिक कामों की मनाही होती है। इस दौरान शादी-विवाह, मुंडन-छेदन, अन्नप्राशन, ग्रह प्रवेश, वधू प्रवेश आदि की मनाही होती है। इसके अलावा जमीन, संपत्ति या फिर नया घर नहीं खरीदना चाहिए। इसके अलावा घर अगर बनवाना शुरू कर रहे हैं, तो खरमास के दौरान पहले से न करें। अगर खरमास से पहले से घर बन रहा है, तो उसे बनवा सकते हैं।
खरमास के दौरान करें ये उपाय जरूर करे .
- खरमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष माना जाता है। इसलिए रोजाना भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ चालीसा, मंत्र आदि का जाप अवश्य करें।
अगर आपकी कुंडली में गुरु बृहस्पति की स्थिति कमजोर है, तो खरमास के हर गुरुवार के दिन बृहस्पति भगवान की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रख सकते हैं। इससे भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं। - खरमास के दौरान भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा करना विशेष माना जाता है। इससे घर में खुशहाली आती है।
3.खरमास के दौरान रोजाना भगवान सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एक तांबे के लोटे में जल लें और इसमें हल्दी , लाल फूल, अक्षत आदि डाल लें।
अगर आप रोजाना अर्घ्य नहीं दे पा रहे हैं, तो रविवार के दिन जरूर दें, क्योंकि ये दिन भगवान सूर्य से संबंधित है। - खरमास के दौरान सत्यनारायण कथा जरूर कराएं। आप चाहे तो सुन या फिर पढ़ सकते हैं।
- खरमास के दौरान जप-तप का विशेष ध्यान दें। इसके साथ ही इन माह में दान देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।