खबर मध्यप्रदेश।। यूपी की एक महिला जज ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (cji) डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। महिला जज ने बताया है कि उनके साथ काफी अपमानजनक बर्ताव किया गया है जिससे वो काफी आहत हैं, अब वो मरना चाहती हैं जिसकी उन्हें इजाजत दी जाए। CJI ने इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी है।
CJI ने सुप्रीम कोर्ट सेकेट्री जनरल अतुल एम कुरहेकर को इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगने के लिए कहा है। सेक्रेटरी जनरल कुरहेकर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर महिला जज द्वारा दी गई सारी शिकायतों की जानकारी मांगी हैं। इसके साथ ही शिकायत से निपटने वाली आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्यवाही की स्थिति के बारे में पूछा है। सोशल मीडिया पर चिट्ठी वायरल होने पर ये कदम उठाया गया है।
महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उनके साथ काफी अपमानजनक बर्ताव किया है जिससे वो काफी आहत हैं, अब वो मरना चाहती हैं जिसकी उन्हें इजाजत दी जाए।

महिला जज ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘मैं दूसरों को न्याय देती हूं, उन्होंने भारत में काम करने वाली महिलाओं को भी संदेश दिया और कहा कि किसी भी तरह के उत्पीड़न के साथ जीना सीखें, यह हमारे जीवन की सच्चाई है, कोई नहीं सुनता। शिकायत करने पर प्रताड़ना मिलेगी। उन्होंने आगे लिखा, ‘मुझे न्याय के लिए केवल 8 सेकंड मिले, मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच नहीं करा पाई, अगर कोई महिला सिस्टम से लड़ने की सोचती है तो यह गलत है, मुझे एक जज तौर पर यह महसूस हुआ है।
महिला जज ने फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि मामला सितंबर 2022 का है. प्रताड़ना के बाद उन्होंने हाईकोर्ट से लेकर विभाग तक को पत्र लिखा, 1000 से ज्यादा मेल किए, फिर एक जांच कमेटी बनाई गई. जांच 3 महीने में पूरी हो जानी चाहिए थी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, मैं मई 2023 से यूपी के एक जिले में तैनात हूं, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई, किसी ने मेरी बात नहीं सुनी, दिल्ली में मुझे केवल 8 सेकंड मिले और मेरी याचिका खारिज कर दी गई। अब मेरे सामने कोई रास्ता नहीं बचा, जिसके चलते मैंने ऐसा कदम उठाया है।

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