डॉ अंबेडकर की 134 वी जन्म जयंती पर कार्यक्रम सम्पन्न
छिन्दवाडा :- छत्तीसगढ़ एवं मणिपुर की पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीम राव अंबेडकर एक महान व्यक्ति थे तथा एक महामानव के रूप में उन्होंने दलितों ,पिछड़ों ,शोषितों और वंचितों के साथ ही समाज के हर वर्ग के लिए कार्य किया। उन्होंने भारतीय संविधान के माध्यम से समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व की जो नींव रखी, वो आज भी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ है। हमें डॉ. अंबेडकर के विचारों का अध्ययन करना चाहिए और उनके विचारों के आधार पर समाज के शोषित, पीड़ित, दलित, महिला, आदिवासी आदि समाज के सभी वर्गों को न्याय दिलाने का कार्य करना चाहिए पूर्व राज्यपाल सुश्री उइके आज स्थानीय सत्कार तिराहे पर दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया की भारतीय बौद्ध महासभा मध्य प्रदेश शाखा की छिंदवाड़ा इकाई द्वारा भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की 134 वी जन्म जयंती पर आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर जिले के सांसद विवेक बंटी साहू ,नगरपालिक निगम के महापौर विक्रम आहाके, पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह ,भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव, जिला संगठन मंत्री संतोष पारीक जी ,भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश लोखंडे , एस. आर. शेंडे ,अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण, विजय पांडे ,पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

पूर्व राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन एक प्रेरणा स्रोत है, जो हर पीढ़ी को समता और सम्मान के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने न केवल कानूनी ढांचा तैयार किया, बल्कि अपने विचारों और लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाई, जिससे महिलाओं, दलितों और उत्पीड़ित समुदायों को अधिकारों की मुख्य धारा में लाने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक आदि सभी क्षेत्रों में समाज के लोगों को समानता के स्तर पर लाने और उन्हें न्याय दिलाने का कार्य किया तथा इसके लिए उन्होंने संविधान में जो व्यवस्थाएं की है उससे समाज के शोषित, पीड़ित, दलित ,महिला ,आदिवासी आदि सभी वर्गों को आज भी इसका लाभ मिल रहा है ।उन्होंने कहा कि डॉ.अंबेडकर द्वारा संविधान में महिलाओं और आदिवासियों के लिए जो प्रावधान किया गया है इसका सबसे बड़ा उदाहरण मैं हूँ मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि एक गरीब और मध्यम वर्ग में जन्म लेने के बाद में मैं समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र आकर राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग, विधायक, मंत्री, सांसद आदि पदों से होते हुए राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर कार्य कर पाऊंगी, किंतु मुझे यह अवसर मिला | उन्होंने कहा कि इन पदों पर रहते हुए मैं समाज की दलित, शोषित, पीड़ित, वंचित, महिला, आदिवासी और समाज के अन्य वर्गों के लिए जो काम कर पाई वह डॉ. अंबेडकर द्वारा संविधान में की गई व्यवस्था के कारण ही दृढ संकल्प लेकर कर पाई।
पूर्व राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा की डॉ आंबेडकर ने समाज के सभी वर्गो के लिए जो प्रावधान किये है , उसके कारण वे पुरे समाज में भगवन की तरह पूजे जाते है और समुची दुनिया में उन्हें आदर की दृष्टि से देखा जाता है उन्होंने जिस प्रकार नि: स्वार्थ भाव से पूरी मानवीय संवेदना के साथ कार्य किया , उसी प्रकार हमें भी कार्य करना चाहीये उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि डॉ. अंबेडकर के विचारों और आदर्शों को अपनाकर तथा समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करते हुए सभी को समानतापूर्वक न्याय दिलाने का कार्य करें |इसके लिए हमारे अंदर कुछ कर गुजरने की भावना होनी चाहिए जिससे हम संगठित होकर आधिकार दिला सके| उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर के दिखाये मार्ग पर चलकर हम एक समावेशी समाज का निर्माण करें तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया |कार्यक्रम में सांसद विवेक बंटी साहू नगर पालिका निगम महापौर विक्रम आहाके, पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह रमेश लोखंडे, एस. आर.शेंडे विजय पांडे और अन्य वक्तायो ने भी अपने विचार व्यक्त किया।