बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि दर्शन यात्रा के स्थगित होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है| बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा कि “यह भारत, राम, कृष्ण और राधारानी का राष्ट्र है| यदि श्री किशोरीजू के लाडले तथा वर्तमान में युवाओं के प्रेरणा स्रोत प्रेमानंद बाबा की यात्रा का कोई भी विरोध कर रहा है, तो हमें निश्चित ही लगता है कि वह धूर्त है|किसी महापुरुष के चलने से अगर आपकी नींद उड़ रही है, तो विरोध तो आदिकाल से होता आ रहा है| इतिहास में संतों का विरोध करने वालों को कभी मानव नहीं कहा गया, बल्कि दानव कहलाया है| हवन, पूजन, यज्ञ से किसे दिकत होती है? दानवों को तो दिक्कत होती है|
जिन्होंने भी यह विरोध प्रदर्शन या मांग की है, वे बहुत ही गलत हैं1 हम प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से यही कहेंगे कि उन पर कडी से कड़ी कार्रवाई की जाए |
इस देश में सभी को भजन और भक्ति करने का अधिकार है| आज संत प्रेमानंद महाराज की यात्रा पर रोक लगाई गई है, तो कल हमारे ऊपर यह रोक लगा
दी जाएगी कि ‘तुम बाहर नहीं निकलोगे, दरबार नहीं लगाओगे ‘धीरे-धीरे कथाओं पर रोक लगाई जाएगी और राष्ट्र में राम की चर्चा बंद हो जाएगी तो निश्चित ही ये घोर नास्तिक हैं| अब आस्तिक हैं या नहीं, यह उनका निजी मामला है, पर साधु की यात्रा पर रोक लगाना बहुत
बडा अपराध है।
हम यही कहेंगे – बाबा, अपना स्वास्थ्य का ध्यान रखें, आपका स्वास्थ्य उत्तम रहे और आपको शारीरिक कष्ट न पहुंचे यदि श्री किशोरीजी की कृपा से यात्रा जारी रहती है, तो यह शुभ होगा और यदि किसी के कहने पर यात्रा बंद की जाती है, तो हम कहेंगे, ‘बाबा के चरण पकड़े
रहें ‘वहीं, जिन लोगों ने विरोध किया है, उनसे हम बिल्कुल प्रसन्न नहीं हैं; फिर चाहे कोई भी हो, वे ब्रज में रहने के पात्र नहीं हैं, उन्हें ब्रज से बाहर कर दिया जाना चाहिए”
प्रेमानंद महाराज के निवास स्थान से आश्रम तक जाने
वाले रास्ते में स्थित एक कॉलोनी ‘एनआरआई ग्रीन’
नाम की एक सोसाइटी में रहने वाले लोगों को प्रेमानंद
महाराज की यात्रा से असुविधा हो रही थी| इन लोगों ने
6 फरवरी को महाराज का तख़्ती लेकर विरोध किया था|
उस विरोध के बाद महाराज के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश आया कि अत्यधिक भीड और स्वास्थ्य के कारण महाराज की पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई है।