खबर मध्यप्रदेश।। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी अनोखी मान्यताओं और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं।
हमने कई ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहाँ महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना गया है । पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते है जहाँ पुरुषों को पूजा करने की मनाही है , अगर पुरुषों को मंदिर में पूजा करना है तो उन्हें महिलाओं के कपड़े पहनने होंगे और महिलाओं की तरह 16 श्रृंगार भी करना होता है।
दक्षिण भारत के केरल में देवी कोट्टनकुलंगरा का मंदिर है जहाँ केवल महिलाओं और किन्नरों को ही प्रवेश की अनुमति है , पुरुषों का प्रवेश वर्जित है ।

क्या है मान्यता

  • यहां पर मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुष ना केवल महिलाओं की तरह साड़ी पहनते हैं बल्कि गहनें भी पहनते है, मेकअप करते है और बालों में गजरा भी लगाते हैं।
  • मंदिर में हर साल चाम्‍याविलक्‍कू त्‍योहार मनाया जाता है। जिसमें हज़ारों की संख्‍या में पुरुष श्रद्धालु आते हैं।
  • उनके तैयार होने के लिए मंदिर में अलग से मेकअप रूम बनाया गया है। इस त्योहार में शामिल होने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
  • मंदिर को लेकर ऐसी मान्‍यताएं है कि इस मंदिर में स्‍थापित देवी की मूर्ति स्‍वयंभू है। इस राज्‍य का यह ऐसा एकमात्र मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं हैं। इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है।
  • कैसे बना मंदिर

ऐसा कहा जाता है की सदियों पहले कुछ चरवाहो ने महिलाओं के वस्‍त्र में पत्‍थर पर फूल चढ़ाए थे जिसके बाद उस पत्‍थर से दिव्‍य शक्‍ति निकलने लगी।

  • इसके बाद इस पत्‍थर को मंदिर में स्‍थापित कर दिया गया और तभी से लेकर आज तक इसकी पूजा होती आ रही है।
  • इसके अलावा इस मंदिर से जुड़ी एक और कथा प्रचलित है जिसके अनुसार कुछ लोग पत्‍थर पर नारियल फोड़ रहे थे और इसी दौरान पत्‍थर से खून निकलने लग गया और इसी के बाद से यहां देवी की पूजा होने लगी।

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