खबर मध्यप्रदेश ।। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में अदालती कार्यवाही में तेजी लाने के लिए भारत के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने FASTER 2.0 पोर्टल लॉन्च किया है। नया पोर्टल कैदियों की रिहाई संबंधी अदालती आदेश की जानकारी जेल अथॉरिटी, ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट तक तुरंत पहुंचाएगा। इससे कैदियों की रिहाई में लगने वाला समय बचेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत जेल से रिहा होने में काफी वक्त लगता हैय़ नया पोर्टल लॉन्च होने के बाद इस मामले में तेजी आएगी और कैदियों की तुरंत रिहाई मुमकिन होगी।
व्यक्ति की रिहाई के ज्यूडिशियल ऑर्डर को तुरंत अमल में लाने के लिए जेलों, ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जाता है. बता दें कि ज्यूडिशियल प्रोसेस में टेक्नोलॉजी पर काफी जोर दिया जा रहा है।

मौजूदा नियम के तहत जेल से रिहा होने के ऑफिशियल कोर्ट ऑर्डर की फिजिकल कॉपी कई सरकारी महकमों से गुजरती है। इसके बाद कोर्ट का ऑर्डर जेल अथॉरिटी तक पहुंचता है। ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद ही जेल प्रशासन कैदी को रिहा करता है। इसका मतबल है कि कोर्ट द्वारा रिहाई का ऑर्डर जारी होने के बाद भी कैदी को जेल से रिहा होने में काफी समय लग जाता है।

FASTER 2.0 पोर्टल लाइव हो चुका है। ये संबंधित अथॉरिटीज के बीच इंस्टेंट कम्युनिकेशन को बढ़ावा देगा, जिससे देश की न्यायिक प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। FASTER 2.0 के अलावा CJI चंद्रचूड़ ने e-SCR पोर्टल का हिंदी वर्जन भी पेश किया। यह पोर्टल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को हिंदी में देखने की सुविधा देता है।

लोगोें को अदालतों से डरना नहीं चाहिए- CJI
इवेंट को संबोधित करते हुए CJI चंद्रचूड़ ने ‘लोगों की अदालत’ के तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें अदालत जाने से डरना नहीं चाहिए। CJI ने आगे कहा कि संविधान के तहत किसी भी विवाद को लोकतांत्रिक तरीके से सुलझाया जा सकता है। ऐसा करते हुए सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को कायम रखने में अदालतें अहम भूमिका निभाती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here