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छिन्दवाड़ा:- “मैं जब भी अपने छिन्दवाड़ा के इतिहास और विकास को लेकर सोचता हूं बीते 42 वर्षों के सारे चित्र आंखों के सामने आ जाते हैं, कैसे थे वो दिन और हम कैसे अपना जीवन काट रहे थे। सब कुछ पारम्परिक था और हम प्रकृति पर ही निर्भर थे तब हमने आपस में अपने सपने बांटे, अपने संसाधनों की शक्ति को जाना, अपनी खुद की ताकत को पहचाना और आज धीरे-धीरे चलते हुये हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि लोग आश्चर्य से कहते हैं कि क्या ऐसा हो सकता है, दुनिया इतनी बदल सकती है वो पातालकोट जिसका दुनिया से सम्बंध नहीं था, आज पूरी दुनिया उस पातालकोट से सम्बंध रखती है”।
उक्त उदगार आज प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के हर्रई नगर में आयोजित विशाल जनसभा में व्यक्त किये। सम्पूर्ण आदिवासी अंचल के प्रत्येक ब्लॉक और ग्रामों से सभा में उपस्थित हुये अपार जनसमूह ने स्वयं इस बात की गवाही दी कि श्री कमलनाथ के राजनैतिक जीवन की यह हर्रई क्षेत्र की सबसे बड़ी जनसभा है, जहां उपस्थित हजारों हजार लोगों ने एक स्वर में “हमारा सी.एम, कैसा हो- कमलनाथ जैसा हो”के नारों से समूची वादियों को गुंजित कर दिया।
भावनाओं से भरे श्री कमलनाथ ने इस अवसर अपना भाषण नहीं बल्कि अपनी दिल की किताब के सारे पन्ने खोलकर रख दिये, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने आप से यह वादा किया था कि वे अपने जिले के आदिवासी भाइयों की तकदीर और आदिवासी अंचल की तस्वीर दोनों ही बदलेंगे और क्षेत्रवासियों के प्यार, विश्वास और तब से लेकर अब तक के आदिवासी नेताओं के सुझाव और दादा गुरूओं के आशीर्वाद से हर्रई, अमरवाड़ा, बटका, तामिया की अलग पहचान बनी परन्तु यह रास्ता अभी अधूरा है, हमारी मंजिल अभी भी दूर है, हम सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, कृषि क्षेत्र में भले ही आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं परन्तु कुछ कमियां अभी भी बाकी है जिसे मिलकर पूरा करना होगा।