छिन्दवाड़ा।। स्कूल में पढ़ने वाली 10 साल की बच्ची का बस इतना कहना कि मैं प्रेक्टिस नही करना चाहती हूँ ये बात टीचर को नगावर गुजरी और उसकी पिटाई कर डाली।

छिदवाड़ा के इंदिरा नगर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में
10 साल की बच्ची के साथ मारपीट का मामला सामने
आया है| बच्ची के हाथ में फ़ैक्चर और शरीर पर चोट के
गहरे निशान हैं| बच्ची को छिदवाड़ा जिला अस्पताल के
सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया है
कुंडीपुरा थाना प्रभारी मनोज बघेल के मुताबिक बच्ची
तबिंयत (टी) वर्ल्ड मल्टी लैंग्वेज स्कूल में पढ़ती है
बच्ची के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि स्कूल
में कराटे प्रैक्टिस न करने के चलते कराटे टीचर पलक
यादव और स्कूल संचालिका आयशा लोधी ने बच्ची को
इस कदर पीटा कि उसका हाथ फ़ैक्चर हो गया पिता ने
पंखंखे से लटका कर रस्सी से बांधकर मारपीट का आरोप
लगाया है|
शिकायत पर पुलिस ने तत्काल स्कूल की डायरेक्टर
आयशा लोधी और कराटे टीचर पलक यादव के खिलाफ
बीएनएस की धारा 296, 115-2,352-2, 3, 5 के
तहत केस दर्ज कर लिया है| आरोपियों की गिरफ्तारी
नहीं हुई है| हालांकि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि
बच्ची ने ही खुद को चोट पहुंचाई है
बच्ची और उसकी बहन को दी धमकी
पीड़ित बच्ची की छोटी बहन भी इसी स्कूल में पड़ती है|
आरोप है कि मारपीट के बाद पीडित और उसकी छोटी
बहन को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने घर में इसकी
जानकारी दी, तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा
और उनके हाथ पैर तोड़ दिए जाएंगे|
शिकायत वापस लेने के बदले इलाज कराने का लालच
लड़की के पिता ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए
बताया कि स्कूल प्रबंधन ने मारपीट के बाद शिकायत न
करने का दबाव बनाया| उन्हें पैसे देकर बच्चे का इलाज
करने का भी लालच दिया गया परिजन ने तत्काल
मामले में उचित कार्रवाई की मांग करते हुए आरोपियों
को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है|
स्कूल संचालक बोलीं- बच्ची ने ही खुद को चोट पहुंचाई
टी वर्ल्ड की संचालिका आयशा लोधी ने बताया कि बच्ची
का शुरू से ही कराटे सीखने का मन नहीं था पेरेटट्सस
को बोला गया उस दिन भी पेंरेंट्स बच्ची को स्कूल में
छोड़कर गए बच्ची ने उस दिन भी कराटे के लिए मना
किया| उसने खुद को ही चोट पहुंचाने की कोशिश की|
संचालिका ने दावा किया कि बच्ची का कहना था कि मेरे
हाथ-पैर तोड़ो लेकिन मैं कराटे नहीं सीखंगी इसके बाद
उसने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की उसके
बाद पेपेंरेंट्स को बुलाया गया| पेरेट्स बच्ची को यहां से
अच्छे से लेकर गए बच्ची की सिर्फ आंख पर चोट के
निशान थे अगर ऐसा कुछ होता तो पेरेंट्स अपनी छोटी
बच्ची को दूसरे दिन स्कूल नहीं भेजते बच्ची के कहीं
बांधने के भी निशान नहीं है|

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